tag:blogger.com,1999:blog-287517515484422541.post5299461465152607921..comments2023-06-05T00:37:51.066-07:00Comments on हरीश...उन्मुक्त उड़ान : एक कहानी ऐसी हो (ऐतिहासिक ग़ज़ल)हरीश जयपाल मालीhttp://www.blogger.com/profile/06527238420097746220noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-287517515484422541.post-50724860040943255782012-05-08T20:59:34.120-07:002012-05-08T20:59:34.120-07:00तड़फ रहा है मुल्क ये अपना जंजीरों के पाशो में
हर ज...तड़फ रहा है मुल्क ये अपना जंजीरों के पाशो में<br />हर जंजीर पर चोट भी गहरी लोहारों के जैसी हो... waahरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-287517515484422541.post-55950125569821116642012-05-08T18:59:02.155-07:002012-05-08T18:59:02.155-07:00बूढी रस्मे तोड़ फेंकना इतना मेरा मकसद है
तेरे मकसद...बूढी रस्मे तोड़ फेंकना इतना मेरा मकसद है<br />तेरे मकसद की सूरत भी मेरे मकसद जैसी हो <br /><br />बहुत खूब है रही यह ऐतिहासिक गजल है ....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-287517515484422541.post-17240640522528764662012-05-08T10:37:38.888-07:002012-05-08T10:37:38.888-07:00वाह...............
बूढी रस्मे तोड़ फेंकना इतना मे...वाह...............<br /><br />बूढी रस्मे तोड़ फेंकना इतना मेरा मकसद है<br />तेरे मकसद की सूरत भी मेरे मकसद जैसी हो<br /> बेहद सशक्त गज़ल...............<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com