''आज़ाद है मेरी परछाई मेरे बगैर चलने को,,,मै नहीं चाहता मेरे अपनों को ठोकर लगे...ये तो 'वर्तमान की परछाई' है ऐ दोस्त...जिसकी कशमकश मुझसे है...!© 2017-18 सर्वाधिकार सुरक्षित''

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Sunday, January 1, 2012

तो क्या आज पहला दिन है नए साल का?


कल रात शहर में शोर शराबा हुआ। पटाखों ने भी सोतें लोगों से कहा की हम भी आवाज करते है मौके-गैर र्मौके पर। सर्द रात होने की वजह से मैं अपने कानो को ढके सो रहा था।अचानक जगा, ये कोलाहल कैसा?  एक बारगी तो सोचा शायद सरकार मान गयी कि 'अब भ्रष्टाचार न करेंगे न किसी माइका लाल को करने देंगे'।चलो अच्छा हुआ देश के लिए भी और मेरे अपने लिए भी। मै भी कब तक खुद को सांत्वना की घूस देता रहता। मगर शायद मेरा ये सोचना भी एक ख्वाब की तरह उस वक़्त बिखरा जब सुबह टहलते-टहलते मैंने शहर के चौराहे पर आजादी के लिए कोलाहल करने वाले एक क्रांतिकारी की  मूर्ति के अगल-बगल शराब के पव्वे और बोतलें बिखरी देखी। गर्वीले भारतीयों के शालीन संस्कारों की राख देखी। ये जानकार दिल तार-तार रोया की अब जो कोलाहल होता है वो सिर्फ खोखला है! 'परिवर्तन' के लिए नहीं होता, 'विद्रोह' के लिए नहीं होता। होता है तो सिर्फ 'एंजोयमेंट' के लिए होता है संस्कारों को  जलाने के लिए होता है। नया 'साल' मनाने के लिए होता है, देश की अस्मिता के नये 'दिन' की शुरुआत के लिए नहीं होता।
युग बदलने से संस्कार नहीं बदल जाते । फिर क्या हो गया है मेरे यारों को, मेरे भाई भतीजों को। वतन के लिए कब करेंगे कोलाहल? कब ये कोलाहल परिवर्तन के लिए विद्रोह का साथ देगा? कब सुधारों की क्रांति की जड़ बनेगा ये कोलाहल?
चलिए, मै भी सोचता हूँ.आप भी सोचिये। कोलाहल न सही ये काम तो हम कर ही सकते है...!

9 comments:

  1. अब किसी कोलाहल में ज़िन्दगी नहीं ...

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  2. बड़ी तादात में आवाजें तो आप ही के शहर की और से ही आ रही है दीदी....
    कोलाहल भरा आपको शुक्रिया...!

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  3. http://bulletinofblog.blogspot.com/2012/01/blog-post_02.html

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  4. बहुत सटीक प्रस्तुति...

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  5. दी रश्मिजी और कैलाशजी आपके कीमती और प्रेरक कमेंट्स के लिए आभार...

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  6. हरीश जी आपके विचार जान अच्छा लगा ... एक सुझाव था ... ब्लॉग का लुक थोडा बदल लीजिये तो बढ़िया रहे ... चटक लुक काफी चुभता है और पोस्ट पढने में भी दिक्कत आती है !
    बाकी अब तो आना जाना लगा रहेगा !

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  7. स्वागत है शिवम् जी...
    आपके सुझावों को जरुर अमली-जामा पहनाएंगे

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  8. नव वर्ष पर ....सटीक प्रस्तुति...
    आप को भी सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

    शुभकामनओं के साथ
    संजय भास्कर

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  9. स्वागत है भास्करजी आपका भी मेरी सरफिरी दुनिया में...
    और शुक्रिया नववर्ष की आपको भी बधाईया....

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अरे वाह! हुजुर,आपको अभी-अभी याद किया था आप यहाँ पधारें धन्य भाग हमारे।अब यहाँ अपने कुछ शब्दों को ठोक-पीठ के ही जाईयेगा मुझे आपके शब्दों का इन्तेजार है...


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