''आज़ाद है मेरी परछाई मेरे बगैर चलने को,,,मै नहीं चाहता मेरे अपनों को ठोकर लगे...ये तो 'वर्तमान की परछाई' है ऐ दोस्त...जिसकी कशमकश मुझसे है...!© 2017-18 सर्वाधिकार सुरक्षित''

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Sunday, April 29, 2012

मैं अकसर देख आया हूँ (ग़ज़ल)

मैं रोते हुए बेबाक चन्द मंजर देख आया हूँ 
संभलते हुए बेहिसाब लश्कर देख आया हूँ 

काजल से सजी आँखें भी रूठ जाया करती है 
पलकों पे सजे अश्कों के दफ्तर देख आया हूँ 

इक अरसे बाद हंसा है वो तो कोई बात जरुर है 
वरना उसे सिसकते हुए मैं अकसर देख आया हूँ 

मैं डूबते हुए सूरज से शिकायत करता भी तो कैसे 'हरीश' 
हर साँझ मुस्कुराते हुए उसे अपने घर देख आया हूँ...!

15 comments:

  1. इक अरसे बाद हंसा है वो तो कोई बात जरुर है
    वरना उसे सिसकते हुए मैं अकसर देख आया हूँ
    बहुत खूब......

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  2. वाह! खुबसूरत ग़ज़ल!

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  3. मैं डूबते हुए सूरज से शिकायत करता भी तो कैसे
    हर साँझ मुस्कुराते हुए उसे अपने घर देख आया हूँ...!वाह

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  4. वाह बहुत सुंदर गहन भावव्यक्ति ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  5. शोभा चर्चा-मंच की, बढ़ा रहे हैं आप |
    प्रस्तुति अपनी देखिये, करे संग आलाप ||

    मंगलवारीय चर्चामंच ||

    charchamanch.blogspot.com

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  6. Replies
    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  7. काजल से सजी आँखें भी रूठ जाया करती है
    पलकों पे सजे अश्कों के दफ्तर देख आया हूँ

    बहुत खूबसूरत गजल.

    बधाई.

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    1. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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  8. तह-ऐ-दिल से शुक्रिया...हमारी हौसला बुलंदगी के लिए आपका ये खूबसूरत कमेन्ट जरुरी था

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अरे वाह! हुजुर,आपको अभी-अभी याद किया था आप यहाँ पधारें धन्य भाग हमारे।अब यहाँ अपने कुछ शब्दों को ठोक-पीठ के ही जाईयेगा मुझे आपके शब्दों का इन्तेजार है...


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