रोयेंगे हम फिर बहुत रात छा जाने दो
पल दो पल अब तो हमे मुस्कुराने दो
खुल के करेंगे बातें तुमसे मेरे यारों
दिल को लगी है ठेस उसे छुपाने दो
ख़ामोशी से रात तो गुजार देंगे मगर
पहले दर्द-ऐ-दिल को जरा सुलाने दो
सब बता देंगे जो दिल पे गुजरी है
पहले हमे तसल्ली से आंसू बहाने दो
जिंदगी की धुप में जाने से पहले 'हरीश'
छांव में बैठकर जरा हौंसला बढाने दो ....
पल दो पल अब तो हमे मुस्कुराने दो
खुल के करेंगे बातें तुमसे मेरे यारों
दिल को लगी है ठेस उसे छुपाने दो
ख़ामोशी से रात तो गुजार देंगे मगर
पहले दर्द-ऐ-दिल को जरा सुलाने दो
सब बता देंगे जो दिल पे गुजरी है
पहले हमे तसल्ली से आंसू बहाने दो
जिंदगी की धुप में जाने से पहले 'हरीश'
छांव में बैठकर जरा हौंसला बढाने दो ....
हरीश जी आपकी यह पंक्तियाँ बहुत सुन्दर वाह ,,,,
ReplyDeleteरोयेंगे हम फिर बहुत रात छा जाने दो पल दो पल अब तो हमे मुस्कुराने दो....