जिंदगी के मसलों की ज़ीनत जरुरी है
जागीरे-बख्शीस की कीमत जरुरी है...
नफरतों की गुस्ताखी हर रोज करता हूं
मुहब्बत करने को तो फुर्सत जरुरी है...
जंग का मैदान जख्मे-जमीं हो गया
अब अमनौ-चैन की हरकत जरुरी है...
आँख का मतलब नहीं हर वक़्त रोया जाय
अश्क की बारिश को फुरकत जरुरी है...
मुहब्बत का खेल तू न खेल पायेगा'हरीश'
इस हुनर के खेल में शौहरत जरुरी है...
जिंदगी के मसलों की ज़ीनत जरुरी है
जागीरे-बख्शीस की कीमत जरुरी है...
sundar gajal:-)
ReplyDeleteNice blog thanks forr posting
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